आप अगर कभी समय से एयरपोर्ट न पहुंचे तो आपकी फ्लाइट छूटने की संभावना होती है और अगर आपकी फ्लाइट छूट जाए तो आप न तो मुआवजे के लिए पात्र होते हैं और न ही आपको कोई दूसरे विमान का टिकट मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपकी फ्लाइट कंपनी किसी कारण से अपनी उड़ान को स्थगित करती है या फिर उड़ान के समय में बदलाव करती है तो क्या वह आपको मुआवजा देने के लिए उत्तरदाई है। अगर किसी सूरत में कंपनी अपने उड़ान के समय में बदलाव करती है तो आपके मोबाइल नंबर पर या फिर आपके मेल पर नॉटिफिकेशन आ जाता है कि आपके उड़ान के समय में बदलाव कर दिया गया है और आपको कंपनी के दिए हुए समय के हिसाब से ही सफर करना होता है। लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिनके मन में यह सवाल आता है कि अगर कंपनी के कारण सफर में देरी होती है तो मुझे कंपनी मुआवजा देगी या नहीं। तो आज हम आपके इसी सवाल का जवाब इस लेख में देने जा रहे हैं। कई बार फ्लाइट के लैंडिंग में देरी होती है तो कई बार टेक ऑफ में तो कई बार ऐसा होता है कि आपको फ्लाइट में बोर्डिंग ही नहीं मिल पाती है। ऐसे में आपके कुछ अधिकार होते हैं जिनके बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है।
एयरलाइन अथॉरिटी के नियम के मुताबिक अगर कोई विमान कंपनी अपने उड़ान में 24 घंटे से कम और चार घंटे से ज्यादा की देरी करती है तो कंपनी को अपने यात्रियों के लिए नाश्ता व भोजन की व्यवस्था करनी होती है। वहीं, अगर कोई कंपनी अपने उड़ान में 24 घंटे से ज्यादा की देरी करती है तो उसे अपने यात्रियों के रहने के लिए होटल की भी व्यवस्था करनी होती है। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती तो यात्री अथॉरिटी के पास जा कर इसकी शिकायत कर सकता है। लेकिन इन सब में ध्यान रखने वाली बात यह है कि यात्रा में विलंभ कंपनी के अपने निजी कारण के चलते हो रही हो। अगर उड़ान में देरी की वजह कंपनी के दायरे से बाहर हो तो विमान कंपनी इन सभी व्यवस्थओं के लिए जवाब देह नहींं है। जैसेः प्राकृतिक आपदा के कारण उड़ान में देरी, राजनीतिक अव्यवस्था, गृह युद्ध, दंगा, बम विस्फोट, हड़ताल या अगर किसी सरकारी आदेश के कारण उड़ान के समय में देरी होती है कंपनी यात्रियों को हो रही परेशानी के लिए किसी भी तरह से जवाब देह नहीं है।
अगर किसी भी तरह के निजी कारणों से विमान कंपनी अपनी उड़ान को रद्द करती है तो वह बिना किसी एक्ट्रा चार्ज के अपने यात्रियों को उड़ान के दूसरे विकल्प देगी। वहीं, अगर यात्री दूसरी फ्लाइट या फिर दूसरे किसी एयरलाइन में यात्रा नहीं करना चाहता है तो विमान कंपनी को यात्री को टिकट के पूरे पैसे लौटाने होंगे। अगर उड़ान के रद्द होने से तीन घंटे पहले विमान कंपनी इस बात की जानकारी नहीं देती है तो उसे फ्लाइट के 'ब्लॉक टाइम' के मुताबिक मुआवजा देना होगा। आपको बतादें कि ब्लॉक टाइम वह समयावधि होती है जो विमान के एक जगह से दूसरे जगह जाने में लगता है। अगर आपके उड़ान में एक घंटे की देरी होती है और आप कंपनी द्वारा दिए गए विकल्पों के साथ यात्रा नहीं करना चाहते हैं तो कंपनी को आपके टिकट के पूरे पैसे लौटाने होंगे। लेकिन यह नियम अलग-अलग विमान कंपनी के लिए अलग-अलग हो सकता है। तो बेहतर यह है कि टिकट करने से पहले आप कंपनी के मुआवजे से संबंधित नियमों को पढ़ लें।